मेधा घोटाला: एक शैक्षिक त्रासदी

कला और विज्ञान संकाय के टॉपरों का इंटरव्यू ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी की गई टॉपरों की सूची को अविश्वसनीयता के कटघरे मे खड़ा कर दिया है। उचित समय पर परीक्षाफल प्रकाशित होने से सभी छात्रो और अभिभावको द्वारा बोर्ड के प्रयासों को follow the author on facebook:: Mithilesh Guptaकाफी सराहा गया ।
विगत वर्ष नकल से संबंधित सुर्खियों में रहने के कारण को संज्ञान में लेते हुए बोर्ड ने इस वर्ष कदाचार पर अंकुश लगाने में सफल रहा।लेकिन तत्काल कुछ अनसुलझे कारणों के वजह से पुनः इसके कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़े हो रहे हैं जो इस समय लाजिमी है।


इंटर  साइंस टॉपर(2016) सौरभ श्रेष्ठ (85.2%)द्वारा सोडियम के बाहरी कक्षा में 2 इलेक्ट्रोन बताना और इंटर आर्टस् टॉपर(2016) रुबी कुमारी(88.8%) को परीक्षा का पूर्णाक भी पता न होने के बावजूद इन्हें टॉपर होना बोर्ड की मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते है-क्या बोर्ड में किसी शिक्षा माफिया की सक्रियता हैं?
बोर्ड के  कौन -कौनअधिकारी कथित बिशुन राय कॉलेज से संलिप्त हैं? या क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक संरक्षण है? पूर्व अध्यक्ष द्वारा इस्तीफ़ा देकर अंडरग्राउंड होना मामले को एक सघन रुप से जाँच की ओर इशारा करता है।
बिभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ जैसे सिविल सर्विसेज, आई आई टी, मेडिकल, मैनेगमेंट आदि में अहम योगदान देनेवाला यह बोर्ड की कार्यप्रणाली आज शंदेह की घेरे में है जो हमारे लिए एक गम्भीर समस्या  है। माननीय शिक्षा मंत्री एवम् बिहार बिद्यालय परीक्षा समिति  के नवनियुक्त  अध्यक्ष आनंद किशोर  को आज एक ऐसा पारदर्शी, दूरदर्शी और विश्वसनीय कदम उठाने की जरूरत  है जिससे बोर्ड की कार्यबिधि को न्यायसंगत एवम् विश्वसनीय बनाया जा सके। टॉपरों के लिए इंटरव्यू कराने की कवायद इस दिशा में एक अच्छी शुरुआत है।

मिथिलेश कुमार गुप्ता, पटना साइंस कॉलेज
Mob- 809605855, email- mkgupta364@gmail.com

Comments

Popular posts from this blog

Quick Tips to Avoid Dehydration and Heatstroke this Summer

Opportunity Waits for None

Clean Technology by Er. Diwakar Maurya